इंडियन आर्मी में कितने कोर है?

इंडियन आर्मी में कितने कोर है : भारतीय सेना, दुनिया की सबसे बड़ी और शक्तिशाली सेनाओं में से एक, अपनी विशालता और जटिल संरचना के लिए जानी जाती है। देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी आंतरिक या बाहरी खतरे का सामना करने के लिए, भारतीय सेना को विभिन्न इकाइयों में संगठित किया गया है, जिनमें से ‘कोर’ एक महत्वपूर्ण और प्रमुख गठन है। अक्सर, लोग ‘रेजिमेंट’, ‘बटालियन’ या ‘ब्रिगेड’ जैसे शब्दों से परिचित होते हैं, लेकिन ‘कोर’ की भूमिका और महत्व को समझना आवश्यक है। यह लेख आपको विस्तार से बताएगा कि इंडियन आर्मी में कितने कोर है और उनकी क्या भूमिका है।

भारतीय सेना, दुनिया की सबसे बड़ी और शक्तिशाली सेनाओं में से एक. इंडियन आर्मी में कितने कोर है

कोर क्या है और इंडियन आर्मी में इनकी संरचना

सैन्य शब्दावली में, एक ‘कोर’ एक बड़ा सैन्य गठन होता है, जो आमतौर पर कई डिवीजनों से मिलकर बनता है। यह 30,000 से 80,000 सैनिकों तक की संख्या का हो सकता है। एक कोर का नेतृत्व एक लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का अधिकारी करता है, जिसे ‘जनरल ऑफिसर कमांडिंग’ (GOC) या ‘कोर कमांडर’ कहा जाता है। कोर का मुख्यालय सेना में उच्चतम स्तर की फील्ड फॉर्मेशन होती है, जो किसी कमांड थिएटर के भीतर एक विशिष्ट क्षेत्र के लिए कार्य करती है।

इंडियन आर्मी में कोर को रणनीतिक और परिचालन आवश्यकताओं के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है:

  • स्ट्राइक कोर (Strike Corps): ये मुख्य रूप से आक्रामक अभियानों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इनका उद्देश्य दुश्मन के इलाके में गहराई तक घुसकर महत्वपूर्ण लक्ष्यों को भेदना और तीव्र गति से हमला करना होता है।
  • होल्डिंग कोर (Holding Corps): इनका प्राथमिक कार्य रक्षात्मक अभियानों को अंजाम देना होता है। ये दुश्मन के हमलों को रोकने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों की रक्षा करने के लिए तैनात किए जाते हैं।
  • मिक्स्ड कोर (Mixed Corps): ये स्ट्राइक और होल्डिंग कोर दोनों की क्षमताओं का मिश्रण होते हैं, जो विभिन्न प्रकार के अभियानों में लचीलेपन के साथ काम कर सकते हैं।
  • माउंटेन स्ट्राइक कोर (Mountain Strike Corps): हाल ही में गठित, इंडियन आर्मी में ये कोर विशेष रूप से पहाड़ी और उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में परिचालन के लिए प्रशिक्षित और सुसज्जित हैं।

तो, इंडियन आर्मी में कितने कोर है? सटीक संख्या और वितरण

सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इंडियन आर्मी में वर्तमान में लगभग 14-15 कोर हैं। ये कोर भारतीय सेना की सात कमांडों (छह ऑपरेशनल और एक ट्रेनिंग कमांड) के तहत वितरित हैं। प्रत्येक कमांड का नेतृत्व एक लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का ‘जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ’ (GOC-in-C) करता है, जो सीधे नई दिल्ली में सेना मुख्यालय को रिपोर्ट करता है।

इंडियन आर्मी के कमांड और उनके तहत कोर का विवरण

भारतीय सेना को सात कमांडों में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक का अपना मुख्यालय है। इन कमांडों के तहत विभिन्न इंडियन आर्मी के कोरकाम करते हैं:

  • उत्तरी कमान (Northern Command): उधमपुर में मुख्यालय, यह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नियंत्रण रेखा (LoC) और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की सुरक्षा की निगरानी करता है। इसके तहत कुछ महत्वपूर्ण कोर शामिल हैं जैसे:
    • XIV कोर (लेह): मुख्य रूप से लद्दाख क्षेत्र में तैनात।
    • XV कोर (श्रीनगर): कश्मीर घाटी में सक्रिय।
    • XVI कोर (नगरोटा): जम्मू क्षेत्र में सक्रिय।
  • पश्चिमी कमान (Western Command): चंडीगढ़ में मुख्यालय, यह पश्चिमी सीमा पर पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इसके तहत आने वाले कुछ कोर हैं:
    • II कोर (अंबाला): एक महत्वपूर्ण स्ट्राइक कोर।
    • IX कोर (धर्मशाला): हिमाचल प्रदेश में तैनात।
    • XI कोर (जालंधर): पंजाब में तैनात।
  • दक्षिणी कमान (Southern Command): पुणे में मुख्यालय, यह प्रायद्वीपीय भारत और राजस्थान के कुछ हिस्सों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। इसके अंतर्गत आने वाले कोर में शामिल हैं:
    • XII कोर (जोधपुर): राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्रों में सक्रिय।
    • XXI कोर (भोपाल): एक और महत्वपूर्ण स्ट्राइक कोर।
  • पूर्वी कमान (Eastern Command): कोलकाता में मुख्यालय, यह भारत की पूर्वी सीमाओं और पूर्वोत्तर राज्यों की सुरक्षा देखता है। इसके तहत आने वाले इंडियन आर्मी के कोर में शामिल हैं:
    • III कोर (दीमापुर): पूर्वोत्तर में सक्रिय।
    • IV कोर (तेजपुर): अरुणाचल प्रदेश और असम के क्षेत्रों में सक्रिय।
    • XXXIII कोर (सुकना): पश्चिम बंगाल और सिक्किम के पास तैनात।
    • XVII कोर (पनागढ़): यह एक नया माउंटेन स्ट्राइक कोर है, जो मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में आक्रामक अभियानों के लिए है।
  • दक्षिण-पश्चिमी कमान (South Western Command): जयपुर में मुख्यालय, यह राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों में पश्चिमी सीमाओं पर केंद्रित है। इसके तहत कुछ कोर शामिल हैं।
  • केंद्रीय कमान (Central Command): लखनऊ में मुख्यालय, यह एक गैर-परिचालन कमान है और मुख्य रूप से छावनियों, सैन्य प्रतिष्ठानों और प्रशिक्षण से संबंधित मामलों का प्रबंधन करता है। इसके तहत सीधे कोई ऑपरेशनल कोर नहीं होता।
  • सेना प्रशिक्षण कमान (Army Training Command – ARTRAC): शिमला में मुख्यालय, यह सेना के प्रशिक्षण और डॉक्ट्रिन के विकास के लिए जिम्मेदार है। इसके तहत कोई ऑपरेशनल कोर नहीं होता।

इंडियन आर्मी के कोर: कार्य और महत्व

इंडियन आर्मी के कोर देश की युद्धक क्षमता की रीढ़ हैं। वे बड़ी संख्या में सैनिकों, बख्तरबंद वाहनों, तोपखाने और अन्य समर्थन इकाइयों को एकीकृत करते हैं ताकि बड़े पैमाने पर सैन्य अभियानों को प्रभावी ढंग से अंजाम दिया जा सके। एक कोर अपने कमांड थिएटर के भीतर विशिष्ट परिचालन क्षेत्रों की जिम्मेदारी लेता है, जिसमें सीमा सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी अभियान, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता और युद्ध के दौरान आक्रामक या रक्षात्मक कार्य शामिल हैं।

संक्षेप में, इंडियन आर्मी में कितने कोर है यह जानना देश की सैन्य शक्ति को समझने का एक महत्वपूर्ण पहलू है। उनकी संख्या और सटीक विवरण सुरक्षा संवेदनशीलता के कारण हमेशा सार्वजनिक नहीं होते, लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि ये कोर भारतीय सेना की विशाल और जटिल संरचना के भीतर महत्वपूर्ण परिचालन इकाइयाँ हैं, जो देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

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