नवीनतम अपडेट: पहली बार छठ पूजा के लिए वैश्विक पहचान की दिशा में ऐतिहासिक कदम
14 अगस्त 2025 को भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए छठ पूजा को यूनेस्को (UNESCO) की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची (Intangible Cultural Heritage List) में शामिल कराने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी। संस्कृति मंत्रालय ने Sangeet Natak Akademi को पत्र लिखकर छठ पूजा के नामांकन (Nomination) की प्रक्रिया आरंभ करने का निर्देश दिया है। इस प्रस्ताव में छठी मैया फाउंडेशन के अध्यक्ष संदीप कुमार दुबे द्वारा छठ पूजा के सामाजिक सौहार्द (Harmony), पर्यावरण संरक्षण (Environmental Conservation), और महिला सशक्तिकरण (Empowerment) की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रमुखता दी गई है। बिहार सरकार भी शुरू से इस पहल में सक्रिय रही है, और राज्य भर में लोगों में खुशी और गर्व का माहौल है।
इस पहल के चलते न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में बसे प्रवासी भारतीयों (NRIs) के बीच भी छठ पूजा को नए स्तर पर पहचान मिलेगी। यह पहली बार है जब छठ पर्व को विश्व सांस्कृतिक मंच (Global Cultural Platform) पर स्थान दिलाने के लिए इतने बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा रहे हैं।
यूनेस्को (UNESCO) विश्व धरोहर (Heritage) क्या है और इसका महत्व
यूनेस्को (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization) शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति और संचार के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देती है। यूनेस्को का सतत प्रयास है कि सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों को संजोकर उनका प्रचार-प्रसार हो सके। विश्व धरोहर (World Heritage) सूची में वे स्थल, परंपराएं और उत्सव आते हैं जो मानवता के लिए अमूल्य हैं और जिनका संरक्षण आवश्यक है।
इस मान्यता से मिलने वाली प्रतिष्ठा न सिर्फ संरक्षण को मजबूती देती है, बल्कि पर्यटन, स्थानीय रोजगार, वैश्विक सम्मान और विश्वव्यापी जागरूकता भी बढ़ाती है। भारत में जिन सांस्कृतिक चुनौतियों को सहेजने की जरूरत है, उनमें पर्व, स्थल, नृत्य, कलाएं, प्राकृतिक संपदा आदि शामिल हैं।
2025 में भारत से अन्य यूनेस्को नामांकन
इस वर्ष छठ पूजा के अलावा, भारत ने कई अन्य पर्व, स्थल और सांस्कृतिक संरचनाओं को यूनेस्को सूची में शामिल करने के लिए नामांकित किया है:
- दीपावली (Deepavali / Diwali): भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक, विविधता और रोशनी का उत्सव। इसे भी 2025 के नामांकन के लिए प्रस्तावित किया गया है।

- अशोकन अभिलेख स्थल (Ashokan Edict Sites): मौर्य सम्राट अशोक के 35 शिलालेख और गुफा-नोट्स, जीवन के दर्शन और प्राचीन भारत की प्रशासनिक पहचान।
- छौंसठ योगिनी मंदिर (Chausath Yogini Temples): भारत में फैले 13 ऐतिहासिक मंदिर, तांत्रिक और वास्तु कला का अनूठा उदाहरण।
- गुप्तकालीन मंदिर (Gupta Temples): उत्तर भारत में गुप्तकाल के 20 ऐतिहासिक मंदिर, प्राचीन भारतीय संस्कृति और वास्तुकला की पहचान।
- मुडुमल मेगालिथिक मेनहिर (Mudumal Megalithic Menhirs, Telangana): लौह युग के प्राचीन दफन स्थल, खगोलीय घटनाओं से जुड़े।
- कांगर घाटी नेशनल पार्क (Kanger Valley National Park, Chhattisgarh): जैव विविधता, दुर्लभ प्रजातियों और लाइमस्टोन गुफाओं के लिए नामांकित।
- बुंदेलों के किले (Palace-Fortresses of the Bundelas, MP/UP): मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की स्थापत्य विरासत।
- सलखन फॉसिल पार्क (Salkhan Fossil Park, UP): प्राचीन माइक्रोफॉसिल और वैज्ञानिक महत्व वाला स्थल।
ये सभी भारत की अनूठी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक संपदा को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने के लिए नामांकित हैं।
भारत से वर्तमान में यूनेस्को की सूची में कौन-कौन से पर्व, स्थल और परंपराएँ हैं?
अब तक निम्नलिखित भारतीय सांस्कृतिक पर्व, परंपरा, व स्थल यूनेस्को (UNESCO) अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची (Intangible Cultural Heritage List) में शामिल हैं:
- संकीर्तन, मणिपुर (Sanqirtan, Manipur)
- रामलीला (Ramleela)
- कुटियाट्टम (Kutiyattam, Kerala)
- वेदिक Chanting (Vedic Chanting)
- रम्माण उत्सव, गढ़वाल (Rammana Festival, Uttarakhand)
- मुदियेत्तु (Mudiyettu, Kerala)
- कालबेलिया नृत्य, राजस्थान (Kalbelia Dance)
- छऊ नृत्य, पूर्व भारत (Chhau Dance)
- बौद्धिस्ट Chanting, लद्दाख (Buddhist Chanting)
- थाथेरा, जंडियाला (Thathera Traditional Craft)
- कुम्भ मेला (Kumbh Mela)
- योग (Yoga)
- नव्रुज (Navruz)
- दुर्गा पूजा, कोलकाता (Durga Puja)
- गरबा, गुजरात (Garba Dance)
इनके अलावा विश्व धरोहर स्थल जैसे ताजमहल, अजंता-एलोरा गुफाएं, कुतुब मीनार, काजीरंगा नेशनल पार्क, और हाल ही के Maratha Military Landscapes इत्यादि भी भारत की धरोहर सूची में हैं।
छठ पूजा: आस्था और सामाजिक सौहार्द का महापर्व
छठ पूजा सूर्य देवता और छठी मैया की आराधना का प्रसिद्ध उत्सव है जो बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के मिथिला क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। इसके मूल में प्रकृति का सम्मान, परिवार की एकता और सामाजिक समरसता है।
छठ पूजा क्यों मनाई जाती है?
छठ पूजा का उद्देश्य सूर्य देवता से ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि पाना है। हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्य जीवन का स्रोत हैं, और छठी मैया परिवार की संतान, स्वास्थ्य और खुशहाली की देवी मानी जाती हैं। श्रद्धालु 36 घंटे तक व्रत रखते हैं, जलाशयों में अर्घ्य अर्पित करते हैं, और यह पर्व परिवार एवं समाज में एकता का संदेश फैलाता है।

छठ पूजा कितने दिनों का होता है?
छठ पूजा चार दिनों तक चलता है:
- नहाय-खाय – पहला दिन, पवित्र स्नान और सत्त्विक भोजन।
- खरना – दूसरा दिन, निर्जला उपवास और गुड़ की खीर।
- संध्या अर्घ्य – तीसरा दिन, सूर्यास्त के समय पहला अर्घ्य।
- उषा अर्घ्य – चौथा दिन, सूर्योदय के समय अंतिम अर्घ्य और व्रत पूर्ण।
2025 में छठ पूजा की तिथियां इस प्रकार हैं:
- नहाय-खाय: 25 अक्टूबर 2025 (शनिवार)
- खरना: 26 अक्टूबर 2025 (रविवार)
- संध्या अर्घ्य: 27 अक्टूबर 2025 (सोमवार)
- उषा अर्घ्य: 28 अक्टूबर 2025 (मंगलवार)
यूनेस्को नामांकन के लाभ
अगर छठ पूजा समेत अन्य उत्सव व स्थल यूनेस्को सूची में शामिल होते हैं, तो इनका संरक्षण, वैश्विक पहचान, पर्यटन, स्थानीय रोजगार, आर्थिक संभावनाओं और सांस्कृतिक गौरव को नई ऊंचाई मिलेगी। ये नामांकन भारत की विविधता, समृद्धि और बुनियादी सांस्कृतिक पहचान को दुनिया तक पहुंचाने का अहम जरिया बनेंगे।
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निष्कर्ष
छठ पूजा, दीपावली और अन्य भारतीय विरासत स्थलों का यूनेस्को नामांकन भारत के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। यह पहल न केवल सांस्कृतिक सम्पदा को सुरक्षित रखने में सहायक होगी बल्कि भारत को विश्व सांस्कृतिक मंच पर प्रतिष्ठित बनाएगी। हर भारतीय के लिए यह गर्व, उत्साह और एकता का संदेश है।