रॉबर्ट वाड्रा की पूरी Biography और Latest ED Case Detail 2025

प्रस्तावना

भारतीय राजनीति और व्यापार के गलियारों में रॉबर्ट वाड्रा का नाम हमेशा सुर्खियों में रहा है। कभी उनकी बड़ी संपत्ति, कभी शाही परिवार से रिश्ता, तो कभी करोड़ों के जमीन घोटाले और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच—हर पहलु रॉबर्ट वाड्रा को एक रहस्यमय, आकर्षक और विवादास्पद शख्सियत बनाता है। आइए, उनकी पूरी जीवनी, व्यापारिक सफर और ED केस से जुड़े सबसे बड़े खुलासों को विस्तार से जानें।


रॉबर्ट वाड्रा: जीवन परिचय

बचपन एवं पारिवारिक पृष्ठभूमि

  • पूरा नाम: रॉबर्ट राजेन्द्र वाड्रा
  • जन्म: 18 अप्रैल 1969, मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश
  • पिता: राजेंद्र वाड्रा (हस्तशिल्प व्यापारी)
  • माता: मौरीन वाड्रा (स्कॉटिश मूल की)
  • धर्म/जाति: हिन्दू / पंजाबी खत्री
  • शिक्षा: दिल्ली के ‘ब्रिटिश स्कूल’ से 12वीं तक
  • बचपन से ही परिवार की व्यापारिक पृष्ठभूमि से जुड़े रहे। उनके पिता विभाजन के समय पाकिस्तान के सियालकोट से भारत आए थे, और मां स्कॉटलैंड से थीं। भाई रिचर्ड वाड्रा की मृत्यु आत्महत्या से और बहन मिशेल की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
रॉबर्ट वाड्रा

व्यक्तिगत जीवन

  • पत्नी: प्रियंका गांधी वाड्रा (कांग्रेस की वरिष्ठ नेता)
  • बच्चे: रायहान और मिराया
  • रुचियाँ: बाइकिंग, फिटनेस, डांस, म्यूजिक, ट्रैवेलिंग
  • पारिवारिक संबंधों के कारण भी उनका नाम हमेशा चर्चा में रहता है।

व्यापारिक यात्रा और कंपनियाँ

  • प्रारंभिक व्यापार ‘Artex Exports’ (हस्तशिल्प और ज्वेलरी) से किया।
  • 1997 के बाद कई महत्वपूर्ण कंपनियाँ स्थापित कीं, जैसे:
    • Sky Light Realty
    • Sky Light Hospitality
    • Real Earth Estates
    • Blue Breeze Trading
    • North India IT Parks
  • इन कंपनियों के माध्यम से उनका कारोबार रियल एस्टेट, हाई-एंड ज्वेलरी और होटल इंडस्ट्री तक फैला।
  • दिल्ली सहित देश के कई शहरों में उनकी विभिन्न संपत्तियाँ और व्यवसायिक हिस्सेदारी है।

संपत्ति और नेट वर्थ

  • चुनावी हलफनामा: लगभग ₹65 करोड़
  • मीडिया अनुमान: $2.1 बिलियन (लगभग ₹17,250 करोड़)
  • संपत्तियाँ: देशभर में दर्जनों रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स, कई लग्ज़री गाड़ियाँ, फिक्स्ड डिपॉजिट, कंपनियों में हिस्सेदारी
  • आय के स्रोतों में ज्वेलरी और हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट, रियल एस्टेट विकास और विभिन्न निवेश शामिल हैं।

रॉबर्ट वाड्रा : प्रवर्तन निदेशालय (ED) केस: सभी अहम विवरण

शिकोहपुर जमीन घोटाला

  • मामला: 2008 में गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव की 3.53 एकड़ जमीन ओमकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी गई, जबकि असल कीमत 15 करोड़ रुपये थी।
  • हेराफेरी: बिक्री दस्तावेज़ में चेक पेमेंट बताया गया, लेकिन वह चेक नकद नहीं हुआ। स्टांप ड्यूटी में 45 लाख रुपये की हेराफेरी भी बताई जाती है।
  • डील ट्रांजैक्शन: 2012 में यही जमीन DLF कंपनी को 58 करोड़ रुपये में बेची गई, जिससे वाड्रा को 58 करोड़ रुपये का अवैध लाभ हुआ।
  • आरोप: वाड्रा ने अपने राजनीतिक प्रभाव का प्रयोग कर, कंपनी (Sky Light Hospitality) को हरियाणा में कमर्शियल कॉलोनी लाइसेंस दिलवाया।
  • जमीन के कागज़ात और भुगतानों में कई अनियमितताएँ और जालसाजी के आरोप लगे हैं।

रॉबर्ट वाड्रा : मनी लॉन्ड्रिंग और संपत्ति जब्ती

  • चार्जशीट: जुलाई 2025 में ED ने वाड्रा, कुछ सहयोगियों व 8 कंपनियों को आरोपी बनाते हुए दिल्ली की अदालत में 332 पेज की चार्जशीट दाखिल की है।
  • ED का दावा: वाड्रा को 58 करोड़ रुपये की ‘अवैध कमाई’ हुई, जिसे संपत्तियों की खरीद, निवेश और ग्रुप कंपनियों की देनदारियों में लगाया गया।
  • संपत्ति जब्ती: जुलाई 2025 में ED ने वाड्रा और उनकी कंपनियों से जुड़ी कुल 43 अचल संपत्तियाँ (कुल कीमत लगभग 38 करोड़) जब्त की, जिनमें दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और गुजरात की प्रॉपर्टीज़ शामिल हैं।
  • अभियोजन: ED ने उच्चतम 7 वर्ष की सजा और सभी जब्त संपत्तियों की सरकारी जब्ती की मांग कोर्ट से की है।

रॉबर्ट वाड्रा का पक्ष व राजनैतिक बहस

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  • रॉबर्ट वाड्रा ने पूछताछ में कई बार लेन-देन की जिम्मेदारी अपने तीन दिवंगत सहयोगियों पर डाल दी, स्वयं सीधे आरोपों से इंकार किया।
  • स्वयं को राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार बताया।
  • कांग्रेस और राहुल गांधी ने भी इसे ‘राजनीतिक बदले की कार्रवाई’ बताया है।
  • कोर्ट ने सभी 11 आरोपियों को नोटिस भेजा है और अगली सुनवाई 28 अगस्त 2025 को तय है।

निष्कर्ष

रॉबर्ट वाड्रा की कहानी भारतीय व्यवसाय, राजनीति और कानूनी लड़ाइयों का अनूठा संगम है। उनके आलीशान कारोबार, लाइफस्टाइल और व्यापक नेटवर्क के साथ-साथ उन पर लगे गंभीर आरोप और कोर्ट की कार्रवाइयाँ मीडिया और आम जनमानस को लगातार आकर्षित करती रही हैं। अगस्त 2025 की सुनवाई उनका करियर और छवि दोनों के लिए निर्णायक क्षण साबित हो सकती है—वह दोषमुक्त होंगे या कानून की कसौटी पर तौल दिए जाएंगे, इसका इंतजार पूरे देश को है।

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