परिचय: कौन हैं प्रज्वल रेवन्ना?
प्रज्वल रेवन्ना जनता दल (सेक्युलर) के नेता, पूर्व सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा के पोते हैं। उनका नाम एक हाई-प्रोफाइल यौन शोषण मामले में सामने आया, जिसने कर्नाटक की राजनीति और समाज को झकझोर कर रख दिया। चार मामलों में वे मुख्य आरोपी रहे हैं, जिनमें से एक में अदालत ने उन्हें दोषी ठहरा दिया है।
केस की शुरुआत और पीड़िता की गवाही
- पीड़िता: 47 वर्षीय घरेलू महिला (‘मृदुला’ – काल्पनिक नाम), जो रेवन्ना परिवार के गेन्निकाडा फार्महाउस में काम करती थी।
- मुकदमा: महिला ने होलेनरसिपुरा टाउन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई कि प्रज्वल रेवन्ना ने उसके साथ दो बार (पहली बार फार्महाउस और दूसरी बार बेंगलुरु स्थित घर में) दुष्कर्म किया।
- मामले की जांच CID की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने की। बड़े पैमाने पर वीडियो क्लिप्स सोशल मीडिया पर लीक हुए, जिनमें कथित रूप से प्रज्वल रेवन्ना कई महिलाओं के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिख रहे थे। इन वीडियो को अदालत में महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया गया।
घटनाक्रम: A to Z
1. आरोप और प्रारंभिक जाँच
- सेक्स स्कैंडल का खुलासा हुआ, जब हजारों अश्लील वीडियो वायरल हो गए।
- पीड़िता ने कहा कि उसके साथ पहली बार COVID लॉकडाउन के दौरान दुष्कर्म हुआ।
- दूसरी बार बेंगलुरु स्थित उनके निवास में दुष्कर्म हुआ।
- तीसरी बार भी शारीरिक शोषण और ब्लैकमेलिंग के लिए वीडियो का उपयोग किया गया।
2. एफआईआर और गिरफ्तारी
- पहला केस दर्ज हुआ।
- प्रज्वल रेवन्ना आरोप लगने के बाद कुछ समय के लिए जर्मनी भाग गए थे और लौटने पर तुरंत गिरफ्तार कर लिए गए।
- उनके खिलाफ चार केस दर्ज हुए; इस केस में उन्हें मुख्य आरोपी बनाया गया।
3. सबूत और चार्जशीट
- फोरेंसिक सबूत: पीड़िता द्वारा सुरक्षित की गई साड़ी पर से वीर्य के निशान मिले, जिसे फोरेंसिक जांच में कन्फर्म किया गया।
- इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य: मोबाइल फोन, वीडियो क्लिप्स, गूगल मैप्स डाटा, DNA रिपोर्ट, और कई अन्य सबूत अदालत में पेश किए गए।
- चार्जशीट में गवाहों एवं फारेंसिक रिपोर्ट्स के साथ विस्तृत सबूत पेश किए गए।
4. ट्रायल और अदालती कार्यवाही
- मामला फास्ट ट्रैक पर चलाया गया।
- गवाहों की गवाही ली गई, दस्तावेज़ पेश हुए।
- इसमें फोरेंसिक लैब, स्पॉट इन्सपेक्शन, डिजिटल सबूत, प्रत्यक्षदर्शी, विशेषज्ञ की राय शामिल रही।
5. दोष सिद्धि (Conviction)
- विशेष अदालत ने प्रज्वल रेवन्ना को दोषी पाया।
- अदालत सजा (quantum of punishment) सुनाएगी।
कानूनी धाराएँ: IPC और IT Act
धारा | विस्तृत विवरण | अधिकतम सजा |
---|---|---|
376(2)(k) | पद उपयोग कर महिला से बलात्कार | 10 साल से उम्रकैद |
376(2)(n) | एक ही महिला से बार-बार बलात्कार | 10 साल से उम्रकैद |
354(A) | यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) | 3 साल |
354(B) | महिला को निर्वस्त्र करने का प्रयास | 3 साल |
354(C) | ताक-झाँक (Voyeurism) | 3 साल |
506 | आपराधिक धमकी (Criminal Intimidation) | 6 महीने |
201 | सबूत मिटाना (Destruction of Evidence) | 1 से 7 साल |
66(E) IT Act | निजता का उल्लंघन (Violation of Privacy) | 3 साल |
इन धाराओं के अंतर्गत अदालत ने प्रज्वल रेवन्ना को दोषी माना।
परिवार और अन्य आरोप
- इस केस में प्रज्वल के माता-पिता पर भी पीड़िता को धमकाने और अपहरण करवाने के आरोप लगे।
- SIT ने पीड़िता को किडनैपिंग के बाद मैसूर के फार्महाउस से रेस्क्यू किया था।
- परिवार पर सबूत छुपाने, धमकी देने की भी चार्जशीट में उल्लिखित किया गया।
समाज पर असर
- कतार की राजनीति में एक बड़े नाम पर दोष सिद्धि इससे राजनीतिक जवाबदेही और लैंगिक न्याय के प्रति समाज का भरोसा बढ़ा है।
- मामला तेज़ और पारदर्शी सुनवाई का उदाहरण बन गया है।
- महिलाओं और पीड़ितों को न्याय के लिए आगे आने की प्रेरणा मिली है।
निष्कर्ष
प्रज्वल रेवन्ना का मामला सिर्फ एक व्यक्ति की सजा का मुद्दा नहीं रहा—यह भारतीय कानून, राजनीति और समाज की नैतिकता और जवाबदेही का टेस्ट बन गया। जब-जब सत्ता के ताकतवर लोग भी कानून के दायरे में आते हैं, लोकतंत्र और न्याय प्रणाली का भरोसा और गहरा होता है।
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